Rupchandra Maheshwari Shakun Group Jaipur
25 पैसे से शुरू हुआ था सफलता का बड़ा सफर
कई बार बड़ी सफलता छोटी-छोटी कोशिशों से ही मिलती है। इसी की एक मिसाल है रुपचंद माहेश्वरी जो शकुन ग्रुप के संस्थापक हैं। माहेश्वरी ने 82वीं वर्षगांठ के मौके पर अपनी टीम से सफलता के पीछे संघर्ष की दास्तां को साझा करते हुए बताया कि ईमानदारी और मेहनत से सब कुछ संभव है।
उन्होने कहा कि जब वो 10-11 साल के थे तो बाजार के व्यापारियों से कुछ टेलीग्राम संदेश लेकर पैदल जीपीओ के सामने टेलीग्राम ऑफिस में जमा करते और रसीद लेकर उन्ही व्यापारियों को देते थे। इस काम के उन्हे 25 पैसे मिलते थे। 25 वर्ष कि उम्र में जयपुर में पैट्रोल पंप पर पैट्रोल भरने के साथ-साथ एक होटल में भी काम करते थे। एक दिन वो एक प्रकाशक करतार सिंह नारंग के संपर्क मे आए जिन्होने उन्हे आने समाचार-पत्र में कमीशन आधार पर विज्ञापन व मार्केटिंग के काम में सहभागी बना लिया। धीरे-धीरे उन्होने अपना काम शुरू किया व राजस्थान पब्लिसिटी सेंटर और फिर शकुन ग्रुप कि स्थापना की। प्रेस और आउटडोर एडवर्टाइजिंग के साथ डेकोर इंडिया, ए टच ऑफ क्लास, ज्वैलरी शो सात फेरे जैसे इवेंट्स भी जुडते गए।
गौरतलब है कि माहेश्वरी अपने व्यावसायिक कौशल व सामाजिक सहभागिता के लिए पूर्व राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल, पूर्व उपराष्ट्रपति भैरोंसिंह शेखावत, पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी, पूर्व उपप्रधानमंत्री लालकृषण आडवाणी सहित अनेक शख़्सियतों द्वारा सम्मानित किए जा चुके हैं।